प्रतिलिपि भारतीय भाषाओं में पढ़ने और लिखने का सबसे बड़ा मंच है। आठ भाषाएँ, 85,000 से अधिक रचनाकार और 30 करोड़ से भी ज्यादा बार पढ़ी गयी रचनायें।
अब डाउनलोड करें और बिना इन्टरनेट के भी अपनी मनपसंद कहानियाँ, कवितायें, ग़ज़ल, निबंध, लेख, शेरो-शायरी, उपन्यास, लघु-कथायें, बच्चों की कहानियाँ इत्यादि पढ़ें।
आप यहाँ प्रेम, सस्पेंस और थ्रिलर, हॉरर, हास्य व्यंग्य, विचार विमर्श, जीवनी एवं आत्मकथा, प्राचीन साहित्य, धर्म और आध्यात्म, ज्ञान-विज्ञान, ज्ञानवर्धक कहानियाँ, यात्रा-वृतांत, स्व-विकास और बहुत सी अन्य श्रेणियों में रचनायें पढ़ सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि, प्रतिलिपि पर आप लोकप्रिय साहित्य जैसे मुंशी प्रेमचंद की गोदान, मानसरोवर और गबन जैसी रचनायें , सआदत हसन मंटो की कहानियाँ, शरतचंद्र की कहानियाँ, पंचतन्त्र की कहानियाँ, बेताल पच्चीसी, अलिफ़-लैला की कहानी इत्यादि भी पढ़ सकते हैं।
अगर आप प्रतिलिपि पर अपनी रचनायें लिख के खुद प्रकाशित करना चाहते हैं तो बस थोड़ा सा इंतज़ार कीजिये, जल्दी ही प्रतिलिपि एंड्राइड एप्लीकेशन पर प्रकाशन की सुविधा भी आने वाली है, जिससे आप अपनी रचनायें प्रतिलिपि के ३० लाख पाठकों तक पहुंचा सकेंगें।
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